RD Vs SIP: गारंटीड रिटर्न या रिस्क, किसे चुनें? कन्फ्यूजन है तो पहले समझ लें नफा नुकसान
कुछ निवेशक ऐसे होते हैं जो गारंटीड रिटर्न वाली स्कीम में निवेश करना पसंद करते हैं, वहीं कुछ निवेशक ज्यादा से ज्यादा मुनाफा चाहते हैं. इसके लिए थोड़ा बहुत रिस्क भी लेना पड़े तो उन्हें हर्ज नहीं होता. ऐसे दो तरह के निवेशकों के लिए दो तरह की स्कीम्स हैं SIP और RD. जानिए दोनों के फायदे-नुकसान.
निवेश के मामले में आजकल तमाम तरह के ऑप्शंस मौजूद हैं. हालांकि कुछ निवेशक ऐसे होते हैं जो गारंटीड रिटर्न वाली स्कीम में निवेश करना पसंद करते हैं, वहीं कुछ निवेशक ज्यादा से ज्यादा मुनाफा चाहते हैं. इसके लिए थोड़ा बहुत रिस्क भी लेना पड़े तो उन्हें हर्ज नहीं होता. ऐसे दो तरह के निवेशकों के लिए दो तरह की स्कीम्स हैं SIP और RD. दोनों ही स्कीम्स में एक निश्चित अमाउंट हर महीने जमा करना पड़ता है. फर्क ये है कि RD गारंटीड रिटर्न वाली स्कीम है, जबकि SIP मार्केट लिंक्ड स्कीम है और इसमें रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती. हालांकि SIP का रिटर्न कई बार काफी अच्छा मिल जाता है. अगर आप इन स्कीम्स में निवेश को लेकर कन्फ्यूज हैं तो यहां दोनों के नफा-नुकसान को अच्छे से समझ लें, इसके बाद कहां निवेश करना चाहिए, ये फैसला लें.
क्या है रिकरिंग डिपॉजिट
रिकरिंग डिपॉजिट एक तरह की गुल्लक की तरह है, जिसमें आप हर महीने एक निश्चित रकम जमा करते हैं. पोस्ट ऑफिस और बैंक दोनों जगहों पर आपको आरडी का विकल्प मिलता है. आरडी के बहाने आपकी बचत हो जाती है और इसकी मैच्योरिटी पर ब्याज के साथ गारंटीड अमाउंट मिलता है. आरडी में 100 रुपए से निवेश शुरू किया जा सकता है, वहीं अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है. इस मामले में फाइनेंशियल एक्सपर्ट शिखा चतुर्वेदी कहती हैं कि आमतौर पर आरडी का रिटर्न महंगाई दर से कम ही होता है. लेकिन फिर भी सुरक्षित निवेश होने के कारण तमाम लोग इसे बचत और निवेश का बेहतर जरिया मानते हैं. ज्यादातर लोग आरडी के जरिए पैसे की बचत करके इस पर ब्याज लेते हैं और फिर आरडी के जरिए इकट्ठी हुई एकमुश्त राशि को एफडी में कन्वर्ट करवा लेते हैं. इससे उनका एकमुश्त पैसा सुरक्षित हो जाता है और उस पर सालाना तय ब्याज लगता रहता है.
क्या है SIP
SIP म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक तरीका है. इसमें भी आप एक निश्चित धनराशि हर महीने निवेश करते हैं. इसमें 500 रुपए से भी आप निवेश की शुरुआत कर सकते हैं, वहीं अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है.. लेकिन म्यूचुअल फंड में आपके पैसे को कई तरह के इक्विटी शेयर्स व बॉण्ड्स आदि में लगाया जाता है. ये निवेश बाजार जोखिमों पर निर्भर करता है. हालांकि इसे आज के समय में मुनाफे का सौदा माना जाता है क्योंकि म्यूचुअल फंड में लगाए गए पैसों को फंड मैनेजर मैनेज करते हैं. इसके कारण इसमें जोखिम काफी कम हो जाता है और पारम्परिक निवेश की तुलना में अच्छा रिटर्न मिलता है. यही कारण है कि SIP तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.
आरडी और एफडी का अंतर
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- RD के मुकाबले SIP को अधिक फ्लैक्सिबिलिटी देने वाला माना जाता है. इसमें आप रोजाना, साप्ताहिक, और मासिक रूप से निवेश कर सकते हैं, लेकिन आरडी में आपको ये सुविधा नहीं मिलती है. इसमें आपको हर महीने निवेश करना होता है.
- म्यूचुअल फंड SIP में आपको लॉक इन की कोई बाध्यता नहीं रहती. आप अपनी जमा राशि कभी भी निकाल सकते हैं. लेकिन RD में लॉक इन पीरियड की बाध्यता होती है. अगर आप समय से पहले इस राशि को निकालते हैं तो आपको इसके लिए पेनल्टी देनी पड़ सकती है. RD का टेन्योर पूरा होने पर यानी मैच्योर होने पर ही इसकी राशि को निकाल सकते हैं.
- आरडी का निवेश सुरक्षित माना जाता है और इसमें गारंटीड रिटर्न मिलता है. लेकिन SIP में आपका पैसा शेयर मार्केट में निवेश किया जाता है. इसमें जोखिम होता है. हालांकि इस पैसे को अलग-अलग जगहों पर लगाया जाता है. इससे जोखिम काफी कम हो जाता है. हालांकि SIP में रिटर्न गारंटीड नहीं होने के बावजूद इसे रिटर्न के मामले में अन्य स्कीम्स से बेहतर माना जाता है.
07:00 AM IST